पर्यटन क्षेत्र भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देता है, क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देता है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता रखता है। हमारा प्रयास है कि देवभूमि उत्तराखंड को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिले तथा स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार और आजीविका के अवसर बढ़ें।
उक्त बात प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उदयपुर में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मंगलवार से शुरू हुए दो दिवसीय ‘राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्रियों के सम्मेलन’ में सहभागिता करते हुए कही। उन्होंने उत्तराखंड की समृद्ध आध्यात्मिक और प्राकृतिक धरोहर को राष्ट्रीय मंच पर साझा करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के पर्यटन क्षेत्र को और गति देने के लिए जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार नए-नए पर्यटन गंतव्यों को विकसित करने में लगे हैं वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में भी प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पर्यटन की सभी विधाओं पर निरंतर तेज गति से काम हो रहा है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन अब जल, थल और आकाश तीनों क्षेत्रों में नये-नये कार्यक्रम लेकर आगे बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड में लैंड एडवेंचर के क्रम में हाई अल्टीट्यूड मैराथन का आयोजन किया जा रहा है, जो पवित्र आदि कैलाश (4700 मी.) की ऊँचाई पर होगा। इसके अलावा वाटर एडवेंचर के तहत वॉटर फेस्टिवल, एको फेस्टिवल जैसे आयोजन और पर्यटकों के लिए नई गतिविधियाँ प्रारम्भ की जा रही हैं। Air Adventure के अन्तर्गत पहली बार बच्चों को पैराग्लाइडिंग के कोर्स कराए जा रहे हैं, ताकि आगे चलकर वे टैंडम पायलट्स बनकर पर्यटन की नई ऊँचाइयों को छू सकें।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन द्वारा युवाओं के लिए प्रशिक्षण की भी विशेष व्यवस्था की जा रही है। थल अभियानों में बेसिक एवं एडवांस कोर्स हेतु युवाओं को स्पॉन्सरशिप दी जा रही है। जल अभियानों में फर्स्ट एड कोर्स, तथा महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। आकाश अभियानों में बच्चों के लिए पैराग्लाइडिंग कोर्स, जो उन्हें नये अवसर प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सहित विभिन्न राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से आए पर्यटन मंत्रियों के साथ देश में सांस्कृतिक विरासत संरक्षण और पर्यटन विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।



