कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सीबीआई जांच के बाद परीक्षा निरस्तगी की घोषणा से पुनः स्पष्ट हुआ है कि छात्रों का विश्वास हमारे लिए सबसे जरूरी है। उन्होंने छात्रहित में लिए इस साहसिक और ऐतिहासिक फैसले के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का आभार व्यक्त किया है। वहीं शीघ्र परीक्षा दोबारा होने की उम्मीद जताते हुए, भर्ती प्रक्रिया की गति को बरकरार रखने का भरोसा दिलाया।
अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में लगातार युवाओं को रिकॉर्ड संख्या में सरकारी नियुक्तियां दे रही है। शुरुआती समय में ही नकल और परीक्षा लीक की बड़ी गड़बड़ियां सामने आई तो तत्काल सरकार ने कठोर कार्यवाहियां की और सभी आरोपियों को जेल के पीछे पहुंचाया। इस लाइलाज बीमारी को हमेशा के लिए दूर करने के लिए उत्तराखंड ने देश का सबसे कठोरतम नकल निरोधक कानून लागू किया जिसका परिणाम रहा कि विगत 4 वर्षों में परीक्षा व्यवस्था में एक भी गड़बड़ी सामने नहीं आई। इस सबके बावजूद भी दुस्साहस दिखाते हुए हाल ही में एक नकल की घटना को अंजाम देने का प्रयास किया गया तो उस पर भी धामी सरकार ने कठोर कार्रवाई की है। हमने एसआईटी से एक सदस्य न्यायिक जांच आयोग गठित किया लेकिन जब कुछ छात्रों को शंका बनी रही तो बिना किसी लाग लपेट के मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की घोषणा की। प्रक्रिया को लेकर सभी भ्रम दूर करने के उद्देश्य से अब सरकार द्वारा परीक्षा निरस्त की गई है। ये सभी ऐतिहासिक साहसिक और युवा भावना के अनुरूप लिए गए निर्णय बताते हैं कि हमारी सरकार के लिए छात्रों के सुरक्षित भविष्य से बढ़कर कुछ नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शीघ्र ही पूरी पारदर्शिता से यह परीक्षा संपादित की जाएंगी। हम हर हालत में युवाओं को सरकारी नौकरियों में भागेदारी देने के प्रयास लगातार जारी रखेंगे।