अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राजधानी देहरादून में बालिका शिक्षा प्रेषण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने मेधावी बालिकाओं को स्मार्टफोन पुरस्कृत करने के साथ उन्हें सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि साल 2013 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत अब तक प्रदेश की कुल 2029 मेधावी बालिकाएं तकनीकी रूप से सशक्त बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बालिकाओं, महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास में जुटी है।
इस बीच रेखा आर्या ने कहा कि वर्ष 2024 से 2025 के बीच जिन बालिकाओं ने 10वीं और 12वीं कक्षा में टॉप किया या ब्लॉक और जिला स्तर पर किसी क्षेत्र में सफलता हासिल की है उन्हें आज देहरादून बुलाकर बालिका शिक्षा प्रोत्साहन के रूप में पुरस्कार दिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि लगभग 326 बालिकाओं को पुरस्कार में स्मार्टफोन दिया गया है और ऐसे कार्यक्रमों से अन्य बालिकाएं भी प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए प्रेरणा लेंगी। रेखा आर्या ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के उस विचार का उल्लेख किया, जिसमें समाज की प्रगति को महिलाओं की प्रगति से मापने पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार बेटियों के सशक्तिकरण और आर्थिक आजादी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने प्रदेश की बेटियों को चुनौतियों का सामना करते हुए खुद अपने रास्ते गढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी बालिकाओं को रोटी कपड़ा और मकान जैसी आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा।कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश में लैंगिक असमानता की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरी में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण की व्यवस्था कर उनके लिए अवसर बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता लागू करके हर महिला को बराबरी का अधिकार दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
इस अवसर पर गढ़ी कैंट विधायक सविता कपूर, राज्य मंत्री प्रताप सिंह पवार, उपनिदेशक विक्रम सिंह, परियोजना अधिकारी मोहित चौधरी, नीतू फुलेरा और अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।

